चालीसा संग्रह
देवी दुर्गा चालीसा | दुर्गा चालीसा बोल | दुर्गा चालीसा अर्थ साहित
दुर्गा चालीसा पाठ को अति फलदायी माना जाता है, विशेषकर नवरात्रि में इसका
पाठ करने से भक्तों को माँ जगदंबा की कृपा मिलती है।
हनुमान चालीसा को महान कवि तुलसीदास जी ने लिखा था । हनुमान चालीसा से पहले भी हनुमानजी पर कई चालीसा लिखी गई और कई स्तुतियां भी लिखी गई थीं। लेकिन हनुमान चालीसा का महत्व इसीलिए आधुनिक युग में है क्योंकि यह पढ़ने और समझने बहुत ही सरल है और यह भी कि इस चालीसा में हनुमानजी के संपूर्ण चरित्र का वर्णन हो जाता है जिससे उनकी भक्ति करने में आसानी होती है।
शिव चालीसा का पाठ करने के लिए ब्रह्ममुहूर्त में उठकर स्नान करें। इसके बाद साफ कपड़े पहनकर पूर्व दिशा में अपना मुख कर बैठ जाएं। पाठ शुरू करने से पहले घी का दीपक जलाएं। उसके बाद तांबे के लोटे में गंगाजल मिलाकर रखें। शिव चालीसा का पाठ शुरू करने से पहले श्री गणेश के श्लोक का जाप करें। इसके बाद शिव चालीसा का पाठ शुरू करें।
सूर्य की आराधना से व्यक्ति को बल, बुद्धि के साथ सुख-समृद्धि एवं अच्छी सेहत का आशीर्वाद प्राप्त होता है। इससे जीवन में अपार सफलता मिलती है. सूर्य उपासना कुष्ट रोग जैसी बीमारी में भी लाभदायक होता है। सूर्य की पूजा से अहंकार, क्रोध और बुरे विचारों का नाश होता है और मन सकारात्मक बना रहता है।
शनि बीज मंत्र-ॐ प्रां प्रीं प्रौं सः शनैश्चराय नमः।
सामान्य मंत्र- ॐ शं शनैश्चराय नमः।
शनि महामंत्र- ॐ निलान्जन समाभासं रविपुत्रं यमाग्रजम।
छायामार्तंड संभूतं तं नमामि शनैश्चरम॥
हमें माता सीता से प्रेरणा लेनी चाहिए कि हमें अपनी विशेषताओं को विकसित करना चाहिए और सामाजिक, पारिवारिक और व्यावसायिक में स्त्री शक्ति को प्रगति के माध्यम से प्रदर्शित करना चाहिए। हमेशा याद रखें कि हमारा सम्मान हमारी असली पहचान है और हमें अपने चरित्र और सम्मान को सदैव ऊँचा रखना चाहिए।
माँ लक्ष्मी चालीसा के जाप से व्यक्ति के जीवन में सफलता प्राप्ति होती है और उसकी प्रतिबद्धता और कर्मठता बढ़ती है। माँ लक्ष्मी चालीसा को नियमित रूप से पढ़ना व्यक्ति के जीवन को समृद्ध और सुखी बनाने में मदद करता है।
तुलसी चालीसा एक हिंदू धार्मिक गीत है जिसमें भगवानी तुलसी की प्रशंसा और भक्ति भाव से गाना जाता है। इस चालीसा का पाठ आध्यात्मिक उन्नति का सबल और शक्तिशाली माध्यम है। इससे भक्त को तुलसी माता के साथ एक गहरा आध्यात्मिक संबंध स्थापित होता है और मन को शुद्धि एवं चैतन्य की प्राप्ति होती है। तुलसी चालीसा के गाने से भक्त को दिव्य शक्ति एवं स्नेह का अनुभव होता है और उन्हें आराम और आनंद की अनुभूति होती है। इस चालीसा के द्वारा भक्त अपने जीवन में सुख, शांति, एवं समृद्धि को प्राप्त कर सकते हैं।
इसमें 40 छंद होते हैं जिसके कारण इसको चालीसा कहा जाता है।